सामाजिक आर्थिक राजनीतिक के साथ साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी में भी जागरूक होना जरूरी - डॉ. प्रेरणा मित्रा

सामाजिक आर्थिक राजनीतिक के साथ साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी में भी जागरूक होना जरूरी - डॉ. प्रेरणा मित्रा
किसी भी देश और समाज को सशक्त बनाने के लिए महिलाओं का सशक्त होना आवश्यक है। वर्तमान परिवेश में इसके लिए महिलाओं का आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक स्तर के साथ-साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी में जागरूक होना एवं निर्णय लेने का अधिकार होना बहुत जरूरी है। इस कम्प्यूटर युग में अधिकांश काम ऑनलाइन ही हो रहे हैं। इसमें बैंकिंग, रिजर्वेशन, शिक्षण, क्लास भी शामिल है। कोरोना काल में तो हालात यह हो गए है कि अब तो वर्क फ्रोम होम ने भी अपनी जगह बनाई है। इसे देखते हुए आने वाले समय का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह समय पूरी तरह से डिजिटलाइजेशन का होगा। इसलिए लड़कियों व महिलाओं को डिजिटल ज्ञान होना बहुत जरूरी है। आज जरूरत है कि बालिकाएं शिक्षा के साथ कम्प्यूटर से संबंधित नॉलेज भी प्राप्त करे। शिक्षा के क्षेत्र में महिलाएं भले ही कितनी ही सक्ष्म है लेकिन आज भी घरों में ऑनलाइन से जुड़े काम पुरूष ही कर रहे हैं। डिजिटल प्रौद्योगिकी से महिलाएं स्वयं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बना सकती हैं। डिजिटल शिक्षण के द्वारा आय के साधन उपलब्ध हो सकते हैं एवं शिक्षा भी प्राप्त की जा सकती है। विकास में तकनीक का महत्वपूर्ण योगदान होता है हालांकि महिलाएं विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में आगे आ रही हैं तकनीकी विकास ने महिलाओं के जीवन पर सकारात्मक असर डाला है, विशेष रूप से शहरी क्षेत्र की महिलाएं के लिए मददगार साबित हुआ है ग्रामीण क्षेत्र की अगर हम बात करें तो वहां अभी संसाधनों की कमी के चलते कुछ खास तकनीकी विकास नहीं हुआ है, हालांकि सरकार द्वारा काफी योजनाएं चलाई जा रही है काफी प्रयास किए जा रहे हैं और निश्चित रूप से आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे । महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को शिक्षित एवं एवं आत्मनिर्भर होना आवश्यक है लेकिन केवल आर्थिक रूप से सक्षम होना ही काफी नहीं है आजकल कई महिलाएं अपना रोजगार एवं व्यवसाय कर आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं लेकिन आर्थिक रूप से समर्थ होने के बावजूद उनको परिवार में निर्णय लेने का अधिकार नहीं होता है । परिवार के निर्णय लेना तो दूर की बात है, वह अपने स्वयं के निर्णय लेने का भी अधिकार नहीं रखती है उन्हें अपने छोटे-छोटे निर्णय के लिए अपने परिवार के पुरुषों पर निर्भर रहना पड़ता है। आर्थिक रूप से सक्षम होने के बावजूद क्योंकि वे निर्णय लेने का अधिकार नहीं रखती है तो वह कई बार अच्छे अवसर खो देती हैं और अपनी नौकरी में प्रमोशन प्राप्त नहीं कर पाती हैं। एक सशक्त समाज बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण अत्यंत आवश्यक है जब महिलाएं अपने जीवन से जुड़े जब फैसले स्वयं लेगी तो उनकी निर्णय लेने की क्षमता का विकास होगा जिससे कि वे सशक्त होंगी जो उन्हें सुरक्षा का एहसास दिलाएगा औऱ वे शोषण , उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर सकेंगी । आज भी सामाजिक और राजनीतिक दोनों स्तर पर महिलाओं की स्थिति नाजुक है जिस पर अभी काम करना बहुत आवश्यक है । अगर हम आने वाले समय में इंडिया को पांच ट्रिलियन इकोनामी बनाना चाहते हैं तो महिला सशक्तिकरण की अत्यंत आवश्यकता है । किसी भी देश और समाज को सशक्त बनाने के लिए महिलाओं का सशक्त होना आवश्यक है महिलाओं का आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक स्तर के साथ-साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी में जागरूक होना भी अत्यंत आवश्यक है।

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