हाथरस की बेटी के साथ हुई जघन्य घटना, अफीम खेती बंद करने की साजिश व फसल बीमे के नाम पर किसानों को गुमराह करने के विरोध में मंदसौर में जोकचन्द्र ने निकाला पैदल मार्च, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
मंदसौर (निप्र)। उत्तरप्रदेश के हाथरस में बालिका से गैंगरेप की घटना, किसानों बीमा राशि को लेकर हो रहे पक्षपात एवं अफीम खेती बंद करने की साजिश के विरोध में प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र की अगुवाई में किसानों, मजदूरों, कांग्रेसजनों व शोषित वर्ग ने संजय गांधी उद्यान से रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम मंदसौर तहसीलदार को ज्ञापन सौंप, समस्याओं के निराकरण की मांग की। ज्ञापन का वाचन प्रमोद भावसार ने किया। गांधी चौराहे पर पहंुची रैली को संबोधित करते हुए जोकचन्द्र ने कहा कि देश में जब-जब भी कोई अन्याय, अत्याचार होता है मंदसौर जिले के गरीब, मजदूर किसान हर घटना का विरोध करते आए है। हासरथ की घटना की घटना दर्दनाक है। पुलिस इस घटना में रोबोट बनी हुई है, पुलिस की जितनी निंदा की जाए कम है, जो स्थिति देश में बन रही है, उसका कारण पुलिस है, वह भाजपा के इशारे पर रोबोट की तरह काम कर रहा है। हासरथ की घटना से पूरा देश शर्मिंदा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुलजी गांधी व प्रियंका गांधी ने जिस तरह हाथरस जाकर इस घटना को लेकर विरोध किया व पीड़ित परिवार को ढ़ाढ़स बंधाया, एसे संकटकाल में वहां पहंुच पीड़ित परिवार की मदद का हौंसला बढ़ाया, ये देश की बेटियों के लिए गर्व की बात है। इस केन्द्र सरकार क्षेत्र की अफीम खेती बंद कर किसानों को बर्बाद करना चाहती है। फसल बीमा भी प्रदेश सरकार सभी किसानों को नही दे रही है। देश की जनता को अन्न की पूर्ति करने वाले अन्नदाताओं को परेशान होना पड़ रहा है, यह शर्मनाक है। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथजी ने बिना सर्वे किए ही सभी किसानों के खातों में राशि डालकर एतिहासिक कार्य किया, वहीं 40 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टर का मुआवजा बंटवाया था। लेकिन वर्तमान में प्रदेश की भाजपा सरकार नाम मात्र किसानांे को बीमा राशि देकर वाह-वाही लूट रही है। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री महेन्द्रसिंह गुर्जर ने कहा हाथरस की बेटी के साथ जो घटना हुई है, हिंदू धर्म की दुहाई देने वाली भाजपा ने परिजनों की बिना सहमति के रातों-रात बेटी का अंतिम संस्कार पुलिस ने करवा दिया, यह शर्मनाक है। पिछड़ा वर्ग कांग्रेस जिलाध्यक्ष दीपकसिंह गुर्जर ने कहा कि हाथरस की बेटी के साथ हुई जघन्य घटना में प्रधानमंत्री के मंूह से एक शब्द नही निकलता है। मप्र में रोज महिलाओं से दुष्कर्म हो रहे है, मप्र में तानााशाह सरकार बैठी हुई है। इन घटनाओं को लेकर श्यामलालजी जोकचन्द्र ने जनता के इन मुद्दों को जनता के बीच लाकर आंदोलन किया व तारिफे काबिले तारिफ है। इस अवसर पर मंदसौर नप के पूर्व अध्यक्ष हनीफ शेख, भोपालसिंह बोराना, प्रकाश राठौर, कमलेश पटेल, अशोक खिंची, कचरुलाल चड़ावत, युनूस मंसूरी, धर्मेन्द्र धनगर, आदित्य पाटिल, लियाकत मेव, बद्रीलाल धाकड़, भूपेन्द्र महावर, ईशु धनगर, रंगलाल धनगर, मांगूसिंह बोराना, सुभाष शर्मा, अमृतराम पाटीदार आदि ने विचार रखे। इस अवसर पर पिपलिया कृषि मंडी के पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल पाटीदार, शैलेन्द्र जोशी, राजेश भारती, पंकज बोराना, महेश गुप्ता, सत्तु चौहान, मुकेश कुमावत, योगेश जोशी, शुभम कुमावत, दशरथ सरगरा, युनूस मेव, राकेश सेन, शीतलसिंह बोराना, प्रहलाद पंवार, गफ्फार रंगरेज, बाबू मंसूरी, अजीत लाल, सतीश पाटीदार, मानसिंह बोराना, मुकेश वर्मा, अजय नागरिया, बालाशंकर धाकड़, अफसर मंसूरी, वीरेन्द्रसिंह सौंधिया, लाल सोनी, अजय सोनी, श्याम चौधरी, रसीदभाई, मनजीतसिंह मनी, आदर्श जोशी, सम्यक जैन, धर्मेन्द्र शर्मा, मोहन खारीवाल, श्रीध पांडे, राहुल सोनी, गोकुल गुर्जर, राकेश परिहार, जीवन गुर्जर, विश्वनाथ जोशी, मंगल राठौर, शमशुभाई, सुरेश सोनी सहित बड़ी संख्या में किसान, मजदूर, कांग्रेसजन उपस्थित थे। संचालन मनोहर सोनी ने किया। आभार बालेश्वर पाटीदार ने माना।
*यह थी मांगें:-* राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन में विभिन्न मांगें की गई, जिसमें लिखा कि हाथरस की बालिका से गैंगरेप कर हत्या के बाद पुलिस द्वारा साक्ष्य मिटाकर शव को रातों रात जलाकर गैंगरेप कर हत्या करने वाले आरोपियों को बचाकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया है। इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को फांसी की सजा दिलवाई जाए। केन्द्र सरकार द्वारा कृषि अध्यादेश लाया गया है वह किसान विरोधी है, इससे किसानों का शोषण होगा। इसका सीधा लाभ पंूजीपतियों को मिलेगा। कृषि मंडिया वीरान हो जाएगा। इसका असर पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। किसान विरोधी इस अध्यादेश को किसानों के हित में वापस लिया जाए। फसल बीमा किसान का अधिकार है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा फसल बीमे के नाम पर किसानों को गुमराह किया गया है, कुछ किसानों के खातों में ही बीमा राशि डाली गई है, जो उंट के मंूह में जीरे के समान है, जिन विधानसभा क्षेत्र में चुनाव है, उन्हीें क्षेत्र के किसानों के खातों में बीमा राशि डालकर किसानों को गुमराह किया गया है, सभी के खातों में पर्याप्त रुप से समान बीमा राशि डलवाई जाए, इसमें कोई भेदभाव न हो। सरकार कुछ बीमा राशि डालकर यह जताने का प्रत्यन कर रही है कि जैसे उन्होंने किसानों को दान दी हो। यह राशि किसानों को सम्मानजनक रुप से दी जाए। मालवा क्षेत्र में अफीम खेती पर ही किसानों का जीवन निर्भर है, लेकिन केन्द्र सरकार यह खेती बंद करने के लिए साजिश रच रही है, इसको लेकर आए दिन समाचार पत्रों में खबरें आ रही है, किसान हित में यह खेती बंद न हो, अन्यथा क्षेत्र के किसानों को और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। साथ ही सरकार अफीम खरीदती है, उससे मानव बचाने के लिए जीवन रक्षक दवाईयां बनती है। पिछले वर्ष खरीदी गई अफीम का भुगतान कई किसानों को नारकोटिक्स विभाग ने अभी तक नही दिया है, एसे किसानों को तत्काल उनके मेहनत की राशि दिलवाई जाए। अतः निवेदन है कि उक्त समस्त मांगों का निदान कराने की अतिकृपा करे।
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