दिखावे से दूर सादगी से सात फेरे लेकर तलेरा परिवार ने प्रस्तुत किया आदर्श
आज की सोच से हटकर दुल्हा-दुल्हन ने कहा समय की बचत और ताम-झाम से बचने की थी सोच
दिन में सगाई, शाम को हो गए साथ फेरे
मन्दसौर ( शोरित सक्सेना)।
महीनों पहले से तैयारियां, कपड़े, गहने, सजावट, तामझाम और धूमधाम पर लाखों का खर्च, प्री वेडिंग फोटोशूट से लेकर मेहंदी, संगीत आदि रस्मों में एक से बढ़कर एक तैयारियां, ढेर सारे पकवान और उससे भी ज्यादा शानो शौकत का प्रदर्शन!
आजकल की शादियों में क्या-क्या नहीं देखने को मिलता। दौर कुछ ऐसा चल पड़ा है कि सामान्य और मध्यमवर्गीय व्यक्ति भी दिखावे की दौड़ में शामिल होकर भले कर्जा करके लेकिन यह सब खर्चे करता है। शहर में होने वाली शादियों में आधुनिकता की झलक देखी जा सकती है। लेकिन इस बीच शहर के प्रमुख व्यवसाई तलेरा परिवार ने एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत कर आधुनिकता की ओर दौड़ रहे लोगों को सादगी की सीख दी है।
श्री अनिल तलेरा के छोटे बेटे लवीन का विवाह रविवार को एक सादे समारोह में सम्पन्न हुआ। रविवार को नीमच निवासी दुग्गड़ परिवार लवीन को देखने पहुंचा था। लवीन और नीमच निवासी शिमोना ने एक दूसरे को पसंद किया, परिवार में सहमति बनी और सगाई की रस्म हुई।
इसी बीच दोनों पक्षों में विवाह सादे तरीके से किये जाने पर चर्चा हुई। दोनों परिवारों ने जब एक दूसरे का मन मिलते देखा, तो तत्काल ही शादी पर सहमति बन गई।
फोन पर रिश्तेदारों, स्नेहियों को सूचना हुई, झट-पट तैयारियां हुई औऱ शाम को विवाह संपन्न हो गया।
लवीन के पिता श्री अनिल तलेरा कहते हैं, हम किसी तरह के आडंबर से दूर रहना चाहते थे, और इसीलिए चाहते थे कि विवाह सादगी से हो, समधी पक्ष भी इस पर खुशी से राजी हुआ तो हमने बच्चों की शादी सादगी के साथ की।
नव वर-वधु भी अपने परिवार की राय से सहमति रखते हैं। शिमोना कहती हैं आजकल कुछ दौर ऐसा चल पड़ा है कि विवाह बेटी के पिता के लिए भारी खर्चे वाला विषय हो गया है। कई बार पिता कर्ज लेकर यह जिम्मेदारी निभाते हैं, यह बड़ा कष्टदाई होता है। हम चाहते थे कि हम एक संदेश देने की कोशिश करें कि सादगी के साथ भी रस्मों को निभाया जा सकता है। लवीन कहते हैं जरूरी नहीं कि दिखावे से ही हर चीज की जाए। तीन-चार माह तैयारियों में लगाने और रिजल्ट ओरिएंटेड न रहने वाली चीजों पर लाखों खर्च करने की बजाय तीन घण्टे में उसे पूरा करना शायद हमें बेहतर लगा।
उल्लेखनीय है कि सादगी से यह विवाह संपन्न करने वाले दोनों परिवार सक्षम हैं। इसके बावजूद सादगी से विवाह समारोह कर दोनों परिवारों ने एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है।