हर मोर्चे पर विफल हुई भाजपा सरकार, प्रदेश की जनता हुई लावारिस, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री जोकचन्द्र ने की मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। प्रदेश की भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है। प्रदेश में अराजकता के माहौल है। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र ने बताया वर्तमान के इस माहौल में प्रदेश की जनता अपने-आप को लावारिस महसूस कर रही है। एसी विफल सरकार के मुखिया को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
*कोरोना तेजी से बढ़ रहा, मरीजों को लूटा जा रहा*:-
जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर नही है, कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है, इसे रोकने के लिए कोई उपाय नही है, पहले प्रदेश में कम मरीज थे, उस समय पूरा लॉकडाउन कर कई युवाओं को बेरोजगार कर दिया, अब हजारों कोरोना मरीज होने के बाद भी सरकार ने रविवार का लॉकडाउन भी खोल दिया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुलजी गांधी ने कोरोना को लेकर केन्द्र सरकार को फरवरी में चेता दिया था, लेकिन सरकार ने इसे मस्खरी में लिया, भारत में कोरोना को सरकार ने आगे रहकर बुलाया। करोड़ों रुपए खर्च कर विदेशों में विमान भेजकर बाहर से लोगों को यहां बुलाया, इसके बाद ही भारत में तेजी से कोरोना फैला। वर्तमान में कोरोना मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज नही मिल रहा है, मरीजों को भर्ती तो किया जा रहा है, लेकिन उन्हें समुचित इलाज नही मिल रहा है, रोज लोगों की जानें जा रही है। निजी अस्पतालों में मरीजों को इलाज के नाम लूटा जा रहा है, लाखों रुपए के बिल बनाए जा रहे है, सरकार का इन पर कोई अंकुश नही है। कोरोना जांच के नाम पर मरीजों से लूट-खसोट की जा रही है। कुछ दिनों पूर्व तो नीमच जिले में कोरोना पी़िड़त महिलाओं को इलाज के लिए ले गए और जेवर लूटकर महिला की हत्या कर दी। अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों का भी इलाज नही किया जा रहा है, जिस व्यक्ति की एक दिन रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही, उसकी दूसरे दिन नेगेटिव आ रही है। आखिर सच्चाई क्या है ?
*किसानों का शोषण जारी, नही मिली कोई सहायता:-*
जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कि किसानों के हितों की रक्षा को लेकर भी सरकार गंभीर नही है, उपज बेचने के लिए किसानों को लाइनें लगाना पड़ रही है, उनकी फसल औने-पौने दाम में बिक रही है। किसानों का जमकर शोषण हो रहा है। वर्तमान में सोयाबीन, उड़द, मंूग, मक्का आदि फसल बर्बाद हो चुकी है, लेकिन सरकार ने अभी तक किसानों को मुआवजा देना तो ठीक सर्वे तक नही किया है। जबकि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री कमलनाथजी ने बिना सर्वे के ही करोड़ों रुपए किसानों के खातों में डाल दिए। किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम नही मिलने के कारण ही मंदसौर जिले में 6 जून 2017 को किसान आंदोलन भी हुआ था, जिसमें छह किसान पुलिस की गोलियों से शहीद हो गए थे। जोकचन्द्र ने आगे बताया कि वर्तमान की किसान विरोधी भाजपा सरकार किसानों को फसल बीमा भी नही दे रही है, किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम भी नही मिल रहा है। किसान आत्महत्या कर रहे है। मंदसौर, नीमच संसदीय क्षेत्र में अफीम फसल पर पर अपनी आजिविका चलाने वाले किसानों के सामने भी भाजपा ने संकट खड़ा कर दिया है। केन्द्र भाजपा सरकार स्टाक फूल होने का बहाना बनाकर अफीम खेती बंद करने की साजिश रच रही है। एसे में लाखों किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा। प्रदेश मण्डियों में मॉडल एक्ट लागू होने से किसानों के साथ ही मंडी कर्मचारियों, व्यापारियों, हम्मालों, मजदूरों तुलावटियों सभी को नुकसान है। सरकार इस फैसले को वापस ले।
*राम के नाम पर राजनीति, कांग्रेस सरकार द्वारा दी राशि में 2200 लाख गुना कमी की:*-
जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कि बात-बात पर जय श्री राम बोलने वाली भाजपा के तथाकथित नेताओं को चेहरा भी उजागर हुआ है, जो राम के नही हुए वो जनता के क्या होंगे। जोकचन्द्र ने बताया भगवान राम वनवास के समय मध्यप्रदेश में जिस रास्ते से गुजरते थे, उसी को राम वन पथ गमन कहा जाता है था। तत्तकालीन मुख्यमंत्री कमलनाथजीे ने 2019-20 के बजट में महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट राम वन पथ गमन योजना कर जिस क्षेत्र से राम गुजरे थे, उसी क्षेत्र के तहत आने वाले चित्रकूट, पन्ना, कटनी, जबलपुर, मण्डला, ढ़िढोरी, शहडोल व अमरकंटक के लिए 22 करोड़ 9 लाख 32 हजार का प्रावधान किया। इसके अलावा अन्य मदों से भी फंड लगाने के लिए कमलनाथ सरकार कृत संकल्पित थी, लेकिन सरकार को गिराकर सत्ता हुई भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने इस बजट में 2200 लाख गुना कमी कर मात्र 1 लाख 33 हजार रुपए कर दिए है, जो भाजपा का राम के प्रति कथित प्रेम को दर्शाता है।
*बिजली बिल के नाम पर लूट, हो रही अवैध वसूली*:-
जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के इशारे पर विद्युत वितरण कंपनी बिजली बिलों के नाम पर आमजन को लूट रही है, अंग्रेजों के समय दमन करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी को भी विद्युत वितरण कंपनी ने पीछे छोड़ दिया है। मजदूरी करने वाले को 5 से 7 हजार रुपए के विद्युत बिल थमाकर अवैध वसूली की जा रही है। बिजली बिलों को भरने के लिए किसानों व आमजन को जलील किया जा रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देते हुए 100 यूनिट के 100 रुपए कर दिए थे, वहीं किसानों का बिजली बिल भी आधा कर दिया था, साथ ही मीटर किराया भी माफ कर दिया था, लेकिन जैसे ही भाजपा सत्ता में आई विद्युत वितरण कंपनी की लूट-खसोट शुरु हो गई। गरीब, मजदूरों को भी 5 से 7 हजार रुपए प्रति माह बिल दिए जा रहे है। बिल नही भरने पर उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे जा रहे है। वहीं सार्वजनिक रुप से मुनादी कर किसानों व आम उपभोक्ताओं को जलील कर पुलिस कार्रवाई कर उन्हें जेल में डालने की धमकियां दी जा रही है। कोरोना संक्रमण के दौरान तीन माह के लॉकडाउन में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा बिजली बिल हाफ करने की झंूठी घोषणा की गई। जबकि पड़ोसी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने लॉकडाउन के दौरान तीन माह के बिजली बिल की माफ कर दिए।
*अपराधियों भय समाप्त, रोज हो रही हत्याएं:*-
जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कि प्रदेश में अराजकता का माहौल है, अपराधियों के हौंसले बुलन्द है, रोज हत्याएं हो रही है, पुलिस का भय समाप्त हो चुका है। पुलिस केवल भाजपा नेताओं की कठपुतलि बनकर धन कमाने में लगी हुई, अपराध को रोकने के लिए दूर-दूर तक कोई योजना नही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथजी ने अपराधियों पर लगाम लगाते हुए कई माफियाओं के आशीयाने नेस्तानाबूत कर दिए थे, कई अपराधियों ने प्रदेश तक छोड़ दिया था, लेकिन भाजपा सरकार के आते ही प्रदेश में फिर गैंगवार शुरु हो गया, रोज हत्याएं हो रही है, लूट, बलात्कार, गुड़ागर्दी, अपहरण, चोरी, डकैती, मानव तस्करी आदि अपराधों को संरक्षण मिलना शुरु हो गया है। रोज नाबालिग युवतियां गायब हो रही है, इन्हें पकड़ने में पुलिस इतना समय लगा देते है कि वह बालिग हो जाती है कई केस में तो बच्चे तक हो गए तब भी पुलिस पकड़ न पाई देश भक्ति जन सेवा का नारा देने वाली पुलिस अपराधियों के पक्ष में बयान करवाने के लिए फरियादी पर दबाव डाल रही है। मादक पदार्थ तस्करी में निर्दोष युवाओं को फंसाया जा रहा है, पुलिस खुद मुखबिर बनकर युवाओं को मादक पदार्थ तस्करी करने के लिए बाध्य कर झूठे केस बनाकर लाखों रुपए की रिश्वत ले रही है।
*गौमाता के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी का चेहरा हुआ बेनकाब:-*
जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कि गौमाता के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा का असली चेहरा भी बेनकाब हो चुका है। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथजी ने विधानसभा चुनाव में दिए वचन-पत्र के अनुसार मध्यप्रदेश में 1300 गौशालाओं का निर्माण कराया, प्रति गौशाला पर 30 से 32 लाख रुपए का खर्च आया। जिसमें करीब 1 लाख 80 हजार गौवंश को रखा जा रहा है, साथ ही गाय के हरे चारे के लिए खेत का निर्माण कराकर पानी की समुचित व्यवस्था कराई। कमलनाथजी ने प्रति गाय के चारे का खर्च 20 रुपए प्रतिदिन देना निर्धारित कर 132 करोड़ रुपए गौशालाओं को दिए थे। लेकिन कांग्रेस सरकार को गिराकर सत्ता आई भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने 20 रुपए से घटाकर 1 रुपए 60 पैसे प्रति गाय के कर दिए है और मात्र 11 करोड़ रुपए प्रदेश की गौशालाओं को दिए। इससे साफ जाहिर है कि भाजपा केवल गौमाता के नाम पर राजनीति करती है, गौमाता की रक्षा केवल कांग्रेस ही कर सकती है। एक और सरकार के लिए गौमाता के लिए बजट नही जबकि दूसरी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने स्वयं के घूमने व हवा खाने के लिए 65 करोड़ का उडन खटोला अमेरिका से खरीदा है, जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथजी ने स्वयं के साथ ही अन्य मंत्रियों के लिए भी सरकारी उड़न खटोला (हेलीकप्टर) उपयोग नही करने का प्रस्ताव पास किया था।
*लाखों युवा हुए बेरोजगार, युवा दर-दर की ठोंकरे खाने को मजबूर:*-
प्रदेश में दिन-प्रतिदिन बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, लाखों युवा बेरोजगार हो गए है, नौकरी के लिए वे दर-दर की ठोंकरे खाने को मजबूर है, और मुख्यमंत्री केवल दिखावा कर रहे है। देश में सभी शासकीय संस्थानों को निजीकरण कर दिया है, जो बचे हुए है, उन्हें भी निजीकरण कर बेचने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश मुख्यमंत्री अब ढ़ोंग कर बयान दे रहे है कि प्रदेश में अब बाहरी व्यक्ति को नौकरी नही मिलेगी, जबकि हकीकत यह है कि नौकरियां है ही नही। पहले तो व्यापंम जैसे महा घोटाला कर अपात्र लोगों को नौकरियां दे दी, अब पात्र युवा नौकरी के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहे है, कोरोना संक्रमण के बाद तो बेरोजगारी और बढ़ गई है, गरीब और गरीब होता जा रहा है, रोजगार छिनते जा रहे है। शिक्षित व नौकरी करने वाला युवा मजदूरी करने को मजबूर है। शिक्षा, पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, वन, आदि विभागों में भर्तीयां नही हो रही है। हजारों शासकीय स्कूलों को बंद करने की तैयारी चल रही है, स्कूलों में अस्थायी अतिथि शिक्षकों को नियुक्त कर उनका शोषण किया जा रहा है।
*आवामगन के साधन हुए बंद, लोगों को निजी वाहनों से करना पड़ रही महंगी यात्रा*:-
जोकचन्द्र ने बताया कि प्रदेश में आवागमन के साधन बंद रहे है। पूरे देश में मध्यप्रदेश ही ऐसा प्रदेश है, जंहा रोड़वेज बसें तो बरसों से बंद है, लेकिन निजी बसें भी अभी तक चालू नही हो पाई है। सरकार लॉकडाउन के दौरान बंद पड़ी परिवहन सेवा के नाम पर भी बस मालिकों से बंद रही बसों का टेक्स वसूलने पर आमादा है। कई बस संचालकों ने अपनी बसों में आग तक लगवा दी है। लेकिन सरकार ठस से मस होने को तैयार नही है, सरकार को आमजन के बजाए टेक्स की चिंता है। परिवहन के नाम पर प्रतिदिन लोगों को लाखों रुपया अतिरिक्त खर्च हो रहा है, ट्रेन बस सेवा बंद होने से लोगों को निजी वाहन या किराए के वाहन से यात्रा करना पड़ रही है, जो काफी महंगी साबित हो रही है। बसों के बंद होने से प्रदेश में हजारों ड्रायवर, कण्डक्टर, क्लीनर व बस मालिकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, सरकार इन्हें राहत देने के बजाए लूटने का षड्यंत्र कर रही है।
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