ग्राहक तुम ही "राजा" हो !

ग्राहक तुम ही
श्री दिनकरसबनीस,राष्ट्रीयसंगठनमंत्री अ.भा. ग्राहक पंचायत 15 मार्च , अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक दिवस की आप सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं “ ग्राहक” किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का वह महत्वपूर्ण घटक जो उस देश में बाजार की दिशा को तय करता है।अर्थशास्त्र की भाषा मे वह केंद्र बिन्दू जिसके आसपास सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था घूमती है और उसे "king of Market "यानिकि" बाजार का राजा "दर्जा देती है क्योंकि उसे चुनने का विकल्प होता है और उसे अधिकार मिलता है कि वह अच्छे से अच्छे प्रोडक्ट को वो नकार सकता है और अपनी इच्छा और सुविधा के अनुसार किसी भी छोटी से छोटी कम्पनी हो या व्यापारी का उत्पाद हो, उसे खरीदकर जीरो से बाजार का सबसे अच्छा प्रोडक्ट या सर्विस तक साबित कर अपनी बादशाहत का परिचय देता है। उसे बाजार में किसी प्राधिकरण के सर्टिफिकेट कीआवश्यकता नही होती, उसकी वह खरीदी ही उत्पाद/सेवा का "ग्राहक सन्तुष्टि सर्टिफिकेट" होती है। पिछले कुछ वर्षों में देखने मे आया है कि ग्राहक "राजा" वही अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु जिसके आसपास बाजार घूमता था वही बाजारअब घरों में घुस आया है TV में प्रसारित विज्ञापन अब गुमराह करने लगें और फलस्वरूप बाजार अब तय कर रहा कि ग्राहक क्या खरीदेगा! वैसे तो पहले ग्राहक ही तय करता था कि उसे क्या खरीदना है परंतु भ्रामक विज्ञापन ने अब ग्राहक की जेब खाली कर अतिरिक्त बोझ डाला ही, खराब और साथ ही भृमित जानकारी देकर सेहत से भी खिलवाड़ करना शुरू किया। ग्राहको के लिए अलग से कानूनी प्रावधान हो , सिविल कोर्ट के चक्कर न लगाने पड़ेऔर त्वरित न्याय मिले यही सब बिंदु ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार ने सन 1986 में ग्राहकों के लिए एक स्वतंत्र कानून ग्राहक संरक्षक अधिनियम बनाया। ऐसा कहा जाता है कि, जैसे -जैसे समाज आगे प्रगति करता है आवश्यकता होती है कानून में बदलाव की ! वर्तमान युग IT का युग है और हम सभी के पास आज एनरॉयड मोबाईल है , और इसी का फायदा उठाकर कर ग्राहक विरोधी ताकतों ने फिर शोषण करने अवसर प्राप्त किया और हमे भी संज्ञान है किस प्रकार E- shopping के नाम पर फर्जी और साथ ही नामचीन कम्पनीयो द्वारा ग्राहकों से धोखाधड़ी हमारे आसपास हो रही थी , विभिन्न सोशल मीडियाऔर TV माध्यमो के दुरुपयोग स ग्राहको को भ्रामक विज्ञापन के जाल में फँसाकर शोषण किया जाने लगा और फिर एक बार फिर वर्तमान परिदृश्य को देखकरआवश्यकता पड़ी शसक्त ग्राहक कानून की ,जिसमें अर्थदंड के साथ साथ दांडिक सजा का भी प्रावधान हो जिसमे वर्तमान और भविष्य की संभावित होने वाली शोषणकारी समस्याओं से लड़ने हेतू ग्राहकों को कानूनी अधिकार मिले और इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर वर्ष 2018 में केंद्र सरकार के उपभोक्ता मंत्री स्व. रामविलास पासवान जी ने एक नवीन ग्राहक संरक्षण कानून बिल का प्रस्ताव पारित किया और इस नए कानून के समर्थन में संसद के सदन के सभी माननीय सदस्यों के शीघ्र समर्थन द्वारा उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 बनायागया और इसे २० जुलाई २०२० से परे देश में लागू किया। उपभोक्तासंरक्षणअधिनियम, 1986कीतुलनामेंतीव्रतामेंयहअधिनियमकमसमयमेंकार्योंकानिपटानकरेगाचूंकिपुरानाअधिनियमन्यायहेतुसिंगल-प्वाइंटपहुँचकेकारणज्यादासमयलेताथा।उपभोक्तासंरक्षणअधिनियम, 2019 कामूलउद्देश्य, उपभोक्ताओंकीसमस्याओंकोसमयपरहलकरनेकेलिएप्रभावीप्रशासनऔरप्राधिकरणकीस्थापनाकरनाऔरउपभोक्ताओंकेहितोंकीरक्षाकरनाहै। इसएक्टमेंउपभोत्तावहव्यत्तिहैजोअपनेइस्तेमालकेलियेकोईवस्तुखरीदताहैयासेवाप्राप्तकरताहै।इसमेंवहव्यक्तिशामिलनहींहैजोदोबाराबेचनेकेलियेकिसीवस्तुकोहासिलकरताहैयाकमर्शियलउद्देश्यकेलियेकिसीवस्तुयासेवाकोप्राप्तकरताहै।इसमेंइलेक्ट्रॉनिकतरीकेसेटेलीशॉपिंग, मल्टीलेवलमार्केटिंगयासीधेखरीदकेजरियेकियाजानेवालासभीतरहकाऑफलाइनयाऑनलाइनलेन-देनशामिलहै। उपभोक्तासंरक्षणअधिनियम, 2019 कीकुछप्रमुखविशेषताएं : केंद्रीयउपभोक्तासंरक्षणप्राधिकरण (CCPA) कीस्थापना: • उपभोक्तासंरक्षणअधिनियम, 2019 में CCPA कीस्थापनाकाप्रावधानहैजोउपभोक्ताओंकेअधिकारोंकीरक्षाकरनेकेसाथसाथ, उनकोबढ़ावादेगा ,यहप्राधिकरण; अनुचितव्यापारप्रथाओं, भ्रामकविज्ञापनोंऔरउपभोक्ताअधिकारोंकेउल्लंघनसेसंबंधितमामलोंकोभीदेखेगा। • CCPA केपासउल्लंघनकर्ताओंपरजुर्मानालगानेऔरबिकेहुएमालकोवापसलेनेयासेवाओंकोवापसलेनेकेआदेशपारितकरना, अनुचितव्यापारप्रथाओंकोबंदकरनेऔरउपभोक्ताओंद्वाराभुगतानकीगईकीमतकोवापिसदिलानेकाअधिकारभीहोगा. • महानिदेशककीअध्यक्षतामें (CCPA )कीएकअन्वेषणशाखा (इन्वेस्टिगेशनविंग) होगी, जोउल्लंघनोंकीजाँचयाइन्वेस्टिगेशनकरसकतीहै। उपभोक्ताओंकेअधिकार (Rights of consumers): i. वस्तुओंयासेवाओंकीमात्रा, गुणवत्ता, शुद्धता, क्षमता, कीमतऔरमानककेबारेमेंजानकारीप्राप्तकरनेकाअधिकार Ii. खतरनाकवस्तुओंऔरसेवाओंसेसुरक्षितरहनेकाअधिकार Iii. अनुचितयाप्रतिबंधात्मकव्यापारप्रथाओंसेसंरक्षितरहनेकाअधिकार Iv. प्रतिस्पर्धीकीमतोंपरविभिन्नप्रकारकीवस्तुओंयासेवाओंकीउपलब्धता भ्रामकविज्ञापनोंपरप्रतिबंधऔरजुर्माना : केंद्रीयउपभोक्तासंरक्षणप्राधिकरण (CCPA) केपासयहअधिकारहोगाकिवहभ्रामकयाझूठेविज्ञापनबनानेवालोंऔरउनकाप्रचारकरनेवालोंपरजुर्मानालगायेऔर 2 वर्षतककेकारावासकीसजासुनाए औरयदिकोईव्यक्तियाकंपनीइसअपराधकोबार-बारदोहरातीहैतोउसे 50 लाखरुपयेकाजुर्मानाऔर 5 सालतककीकैदहोसकतीहै। उपभोक्ताविवादनिवारणआयोग : इसअधिनियममेंराष्ट्रीय, राज्यऔरजिलास्तरोंपरउपभोक्ताविवादनिवारणआयोगों (CDRCs) कीस्थापनाकाप्रावधानहै. उपभोक्ताविवादनिवारणआयोग (CDRC) निम्नप्रकारकीशिकायतोंकानिपटाराकरेगा; i. अधिकमूल्यवसूलनायाअस्पष्टकीमतवसूलना ii. अनुचितयाप्रतिबंधात्मकव्यापारव्यवहार iii. जीवनकेलिएखतरनाकवस्तुओंऔरसेवाओंकीबिक्री iv. दोषपूर्णवस्तुओंयासेवाओंकीबिक्री ई-कॉमर्स एवं अनुचित व्यापार पररोक : इसअधिनियमकेतहतउपभोक्तासंरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 जोनिम्नलिखितहैं- 1. ई-कॉमर्ससंस्थाओंकोउपभोक्ताओंकोरिटर्न, रिफंड, एक्सचेंज, वारंटी, गांरटी, डिलीवरी, शिपमेंटऔरभुगतानकेतरीके, शिकायतनिवारणतंत्र, भुगतानसंबंधीविधियोंकीसुरक्षाऔरउत्पत्तिकेस्थानसेसंबंधितजानकारीदेनाआवश्यकहै। 2. इनप्लेटफॉर्मोंको 48 घंटेकेअंदरकिसीभीउपभोक्ताकीशिकायतकोसुननाहोगाऔरशिकायतप्राप्तकरनेकेएकमहीनेकेभीतरशिकायतकानिवारणकरनाहोगातथाइसहेतुशिकायतअधिकारीकीभीनियुक्तकरनाहोगा। 3. उपभोक्तासंरक्षण (ई.कॉमर्स) नियम, 2020 अनिवार्यहै, सलाहकारीनहीं। 4. येनियमई-कॉमर्सकंपनियोंकोअनुचितमूल्यकेमाध्यमसेअनुचितलाभप्राप्तकरनेकेउद्देश्यसेकियेजानेवालेवस्तुयासेवाओंकीकीमतमेंहेरफेरकरनेसेभीरोकतेहैं। उत्पाद की ज़िम्मेदारी (उत्पादकीजिम्मेदारी )Product liability काअर्थहै- उत्पादकेमैन्युफैक्चरर, सर्विसप्रोवाइडरयाविक्रेताकीजिम्मेदारी।औरयहहैकिवहकिसीखराबवस्तुयासेवाकेकारणहोनेवालेनुकसानयाक्षतिकेलियेउपभोक्ताकोमुआवज़ादे।मुआवज़ेकादावाकरनेकेलियेउपभोक्ताकोइसएक्टमेंउल्लिखितखराबीयादोषसेजुड़ीकम-से-कमएकशर्तकोसाबितकरनाहोगा। अधिकारक्षेत्र उपभोक्तासंरक्षणअधिनियम, 2019 केअंतर्गतउपभोक्ताविवादनिवारणआयोग (CDRCs) नेराष्ट्रीय, राज्यऔरजिलाविवादनिवारणआयोगकेअधिकारक्षेत्रकोतयकियाहैंजिसमें 1. जिलाविवादनिवारणआयोग, उनशिकायतोंकोसुनेगाजिनमामलोंमेंशिकायत 1 करोड़रूपयेतकहैं। 2. राज्यविवादनिवारणआयोग, उनशिकायतोंकीसुनवाईकरेगाजोकि 1 करोड़रुपयेसेअधिकहैलेकिन 10 करोड़रुपयेसेकमहै। 3. राष्ट्रीयविवादनिवारणआयोग, 10 करोड़रुपयेसेअधिककीशिकायतोंकोसुनेगा। मध्यस्थता नएअधिनियममेंमध्यस्थताकाएकवैकल्पिकविवादसमाधानतंत्रप्रदानकियागयाहै, जोइसअधिनिर्णयप्रक्रियाकोसरलकरेगा।जहाँभीशुरुआतीनिपटानकीगुंजाइशमौजूदहोऔरसभीपक्षसहमतहों, वहांमध्यस्थताकेलियेउपभोक्ताआयोगद्वाराएकशिकायतउल्लिखितकीजाएगी।उपभोक्ताआयोगोंकेतत्त्वावधानमेंस्थापितकियेजानेवालेमध्यस्थताप्रकोष्ठोंमेंमध्यस्थताआयोजितकीजाएगी। इसकानूनमेंसबसे महत्वपूर्णबिंदु वैसेतोकिसीभीएक्ट मेंन्यायिकपहलूओपरहीसबसेज्यादाध्यानदियाजाताहैपरंतु इसएक्टमेंप्रशानिकनियंत्रणकीव्यवस्थाकी गईहैजिसमेराष्ट्रीयआयोगकोऐसेपर्याप्तमानकअधिकथितकरनेकाप्राधिकारहोगाजोअध्यक्ष , केंद्रीयसरकारकेपरामर्शसेसमय-समयपरउपभोक्ताओंकेहितोंमेंबेहतरसंरक्षणकेलिएउपबंधकरेंऔरउसप्रयोजनकेलिएसभीराज्यआयोगपरनिम्नविषयोंपरप्रशासनिकनियंत्रणरखेंअर्थात ; १. मामलेकेनिपटारेऔरलंबनकेसंबंधमेंदस्तावेजऔरविवरणियामंगाकरनिपटारेहेतुराज्यआयोगकेनिष्पादनकोमॉनिटरकरना २. राज्यआयोगकेअध्यक्षऔरसदस्योंकेविरुद्धकिन्हींआरोपोंकोअन्वेषणकरनाऔरआवश्यककार्यवाहीकेलिएकेंद्रीयसरकारकोएकप्रतिपृष्ठांकितकरतेहुएसंबंधितराज्यसरकारकोजांचरिपोर्टप्रस्तुतकरना ३.राज्यऔरजिलाआयोगकेकृत्योंकासर्वेक्षणयानिरीक्षणद्वारायाअन्यतरीकेसेराष्ट्रीयआयोगसमय-समयपरऐसेआदेशसेजैसायहसुनिश्चितकरनेकेलिएसर्वोत्तमढंगसेपूर्णहोऔरअध्यक्षद्वारानिश्चितकिएगएमानकउनकीअर्धन्यायिकस्वतंत्रतामेंहस्तक्षेपकिएबिनाकार्यान्वितहो ,करना ४.प्रशासनिकदृष्टिसेराज्यआयोगकेकृतयोंकेसर्वेक्षण केलिएराष्ट्रीयआयोगकेअध्यक्षद्वाराएकमॉनिटरिंगसेलगठितहोगीऔरयहजिलाआयोगपरप्रशासनिकनियंत्रणरखेंगी जिलास्तरपरप्राधिकारी इसएक्टमेंजिलाकलेक्टरकोशक्तिदीगईहै , जिसमेंकीकलेक्टरकिसीउपभोक्तापरिवादयाकेंद्रीयप्राधिकरणयाप्रादेशिक कार्यालय केआयुक्तद्वाराउसेकिएगएकिसीनिर्देशपरअपनीअधिकारिताकेभीतरएकवर्गकेरूपमेंउपभोक्ताओंकेअधिकारोंकेसंबंधमें, परिवादोंयाउपभोक्ताअधिकारोंकेउल्लंघनकेसम्बंधमेंविषयोकी , अनुचितव्यापार , व्यवहारोऔरमिथ्यायाभ्रामकविज्ञापनोंकीजाँचकरेगायाअन्वेषणकरेगाऔरअपनीरिपोर्टकीयथास्थिति , केंद्रीयप्राधिकरणयाप्रादेशिककार्यालयकेआयुक्तकोप्रस्तुतकरेगा। उपभोक्ता , अधिकारोकेउल्लंघनमेंयाअनुचितव्यापार , मिथ्यायाभ्रामकविज्ञापनसम्बन्धमेंशिकायतकोलिखितमेंयाइलेक्ट्रॉनिकढंगसेकिसीएकप्राधिकारीकोअर्थातजिलाकलेक्टर ,आयुक्तयाप्रादेशिककार्यालययाकेंद्रीयप्राधिकरण को अग्रेषित कर सकते है। तीन दशक पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 की जगह नए उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू होने से पुराने नियमों की खामियाँ दूर हुई हैं। नए कानून में जो बड़ा बदलाव हुआ है वह यह है कि अब कहीं से भी उपभोक्ता शिकायत दर्ज कर सकता है। पहले उपभोक्ता वहीं शिकायत दर्ज कर सकता था, जहाँ विक्रेता अपनी सेवाएँ देता है। ई-कॉमर्स से बढ़ती खरीद को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा कानून में उपभोक्ता को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये भी सुनवाई में शामिल होने की इजाजत है, जिससे पैसाऔर समय दोनों की बचत होगी। इस अधिनियम के लागू होने से उपभोक्ताओं को जहाँ त्वरित न्याय मिल सकेगा। वहीं बढ़े हुए अधिकारों और न्यायक्षेत्र के साथ यह उपभोक्ताओं की शिकायतों का निपटान करेगा। उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा ग्राहकों को E - शिकायतदर्ज /जानकारी प्राप्त करने हेतु Consumer App की सुविधा भी दी हुई है।जिससे ग्राहक अपने मोबाईल से ही शिकायते दर्ज कर हल करवा सकता है साथ ही toll free नंबर 1800 11 4000 पर भी शिकायत दर्ज की सकती है।

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