गांधी को जी रहा है देश

गांधी को जी रहा है देश
2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात मे जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी ने भी नही सोचा होगा कि जिस आजादी के बारे में कभी मैंने सोचा हैं वह भी मिलेगी भी या नही । आजादी के लिए लंबी लड़ाई देश ने लड़ ली 1947 में आजादी मिली । देश आजाद हो गया । आजादी के जश्न से वो शख्स गायब था जिसे आजादी का पूरा क्रेडिट जाता है । बलिदान लाखों ने दिए । कई इस आजादी के लिए अपनी जवानी सपने कुर्बान कर गए ।लेकिन आजादी मिल गयी देश टूट गया । अंग्रेज अपने मकसद में कामयाब हो गए। भारत का बँटवारा कर देश को कभी न मिटने वाला दर्द दे दिया । भारत आजादी के जश्न में सराबोर था तब भी महामानव ने अपना वो समय भविष्य के काम मे लगा दिया । वे जश्न की बजाय विभाजन के कारण उपजी हिंसा से दुखी होकर उपवास पर थे । महात्मा गांधी 30 जनवरी 1948 को आजाद भारत और अपने देश को लेकर सपनों को अधुरा छोड़ दुनिया से विदा हो गए । लेकिन वो हर भारतीय ही नही अफ्रीका से लगाकर पूरी दुनिया को अहिंसा समानता,स्वच्छता, दीनदुखियों के लिए शासन की जवाबदेही को लेकर सर्वोदय की कल्पना और विचार के रूप में सदैव के लिए अजर अमर हो गए । महात्मा गांधी ने आजादी के बाद कांग्रेस पर भी विचार दिया और कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस का लक्ष्य पूर्ण हुआ । इसे विलोपित कर देना चाहिए । शायद महात्मा को इसका राजनीतिक लाभ उठाने का अंदेशा पहले से रह होगा । लेकिन तत्कालीन नेतृत्व ने गाँधी की इस सलाह को अनसुना कर आजादी के आंदोलन "कांग्रेस "को राजनैतिक दल मात्र बना दिया । महात्मा गाँधी को जब संघ के वर्ग में आग्रह के साथ आमंत्रित किया तो महात्मा खुद आश्चर्य चकित थे । वहां के अनुशासन और उससे बढ़कर की एक पंक्ति में भोजन ले थे स्वयंसेवक किसी जाति पंथ के नही केवल भारतीय के रूप में थे । यही समानता का स्वप्न सम्पूर्ण भारत को लेकर महात्मा गाँधी का था । संघ के वर्ग के समानता के वातावरण को लेकर बेहद प्रसन्न हुए थे जिसका जिक्र वे जब सदैव करते रहे । : ◆ गांधी के बाद का भारत और उनके विचार =} महात्मा गांधी के दुनिया से जाने के बाद उनके विचार पूरी दुनिया में रोशनी का काम कर रहे थे । संयुक्त राष्ट्र से लगातार कर इंग्लैंड तक गाँधी के कार्य और विचारों पर शोध और विचारो का अनुसरण कर स्वयं को आने वाले समय के लिए तैयार कर था वही भारत मे गांधी केवल एक मुखोटे के अलावा कुछ न थे । गांधीवाद केवल खादी के अलावा कुछ न रहा । वोट बैंक की राजनीति और सत्ता की चाह में तत्कालीन समय के राज नेताओं ने कांग्रेस और गांधी ब्रांड का भरपूर दोहन भर किया ।जिस खादी को स्वावलंबन का प्रतीक होना था वह केवल राजनेताओं की पोशाख का प्रतीक बन गया । स्वच्छता पर बात करना छोटी बात समझा गया । देश को एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने का स्वप्न केवल दिवा स्वप्न या कपोल कहानी ही समझा जाता रहा । सोने की चिड़िया वाला देश दुनिया मे अब सपेरों मदारियों और जादू टोने वाला देश कहा जा रहा था । कभी स्लम एरिया को देख कर बंद कांच की कार में भी मुंह पर रुमाल रखने वाले सेवा के नाम पर अपना हीत साधने वाले और वोट बैंक और फ़िल्मकारों ने भी स्लम के नाम का खूब दोहन कर तिजोरियां भरने का काम किया पर उद्धार की बजाय मुद्दा भर बनाये रखा गंदगी से निजात का दिलाना तो दूर सोचा भी न गया । ◆ गाँधी को जिता देश =} सन 2012-13 से गांधी को अन्ना ने तस्वीर से निकाला वही रामदेव ने स्वदेशी का झंडा बुलंद किया ।उसी वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री ने एक भारत श्रेष्ठ भारत के नारे का उद्द्घोष किया । तेजी से देश उठा और भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना के आह्वान,स्वदेशी पर रामदेव,राजनैतिक व्यवस्था परिवर्तन के नरेंद्र मोदी के आह्वान को देश ने हाथों हाथ लिया ।देश ने खुद को बदलने का फैसला किया 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही पहले उद्बोधन में स्वच्छता और शौचालय, टीम इंडिया और सबका साथ सबका विकास ने देश का दिल जीत लिया । स्वच्छता आंदोलन बन गया । स्लम में शौचालयों ने गंदगी से निजात की और बढ़े कच्चे मकान से मुक्ति का मार्ग खुला । गांधी के स्वावलंबन को कौशल विकास एयर खादी उद्योग को मेक इन इंडिया मेड इन इंडिया ने पंख लग दिये । तब लगने लगा कि देश अब फिर से गांधी को जी रहा है । गांधी अब तस्वीर में नही विचार के रूप भारत के भाग्य विधाता बन गए है । ◆ सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध = } 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150 वी जयंती है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का आग्रह देश से किया । एक बार फिर देश को गर्व हुआ ।अपने नेतृत्व पर सहमति से देश इस अभियान में गंदगी और प्रदूषण के साथ पर्यावरण को प्राणवायु देने के लिए । गांधी के स्वप्न को साकार करने श्रेष्ठ भारत के निर्माण में आइये हम सब गांधी के चित्र के साथ विचार को आत्म सात करें । खुद सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग न करने का संकल्प ले और देश को प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने में अपनी सहभगिता निभाएं । भारत को एक और श्रेष्ठ बनाएं ।यही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धान्जलि होगी ।

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