सीपीएस पद्धति जबरन थौंपने के विरोध में अफीम किसानों का हल्ला बोल, 7 घंटे चले प्रदर्शन में रैली, सभा, धरना, घेराव, ज्ञापन, पुतला दहन हुआ, डीएनसी से हुई किसान नेताओं की बहस

सीपीएस पद्धति जबरन थौंपने के विरोध में अफीम किसानों का हल्ला बोल, 7 घंटे चले प्रदर्शन में रैली, सभा, धरना, घेराव, ज्ञापन, पुतला दहन हुआ, डीएनसी से हुई किसान नेताओं की बहस
नीमच (निप्र)। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों पर थौंपी सीपीएस पद्धति के विरोध में मंगलवार को सैंकड़ों पीड़ित किसानों ने प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र के नेतृत्व में हल्ला बोल रैली निकालकर नारकोटिक्स कार्यालय का घेराव किया, बाद में वित्तमंत्री के नाम डीएनसी को सौंपा व सांसद सुधीर गुप्ता का पुतला फंूका। प्रातः 11 से शाम 6 बजे तक किसानों का प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान पुलिस अधिकारी जाप्ते के साथ तैनात रहे। जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा अफीम किसानों पर जबरन सीपीएस पद्धति थौंपी जा रही है, जिससे किसान अफीम के डोडे की लूनी चिरनी नही कर पाएगा। डोडे सीधे नारकोटिक्स विभाग लेगा, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान। आयोजित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को प्रातः 11 बजे से ही फव्वारा चोक पर किसान व कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में एकत्रित होने दोपहर 12 बजे करीब नारेबाजी करते हुए रैली के रुप में किसान व कांग्रेस कार्यकर्ता ढ़ाई किलोमीटर दूर नारकोटिस कार्यालय पहंुचे, यहां 1 घंटे तक आयोजित सभा में कांग्रेस नेता श्यामलाल जोकचन्द्र ने कहा इस पद्धति से किसान बर्बाद हो जाएगा। किसानों पर सरकार व नारकोटिस विभाग प्रयोग कर रहा है, किसान प्रयोग करने के लिए नही है, अफीम को समाप्त करने के लिए इस पद्धति को लाया गया है। उमरावसिंह गुर्जर ने कहा किसानों की समस्याओं के निराकरण को लेकर लगातार संघर्ष जारी रहेगा। इस अवसर पर नाथूसिंह राठौर, राजकुमार अहीर, दीपकसिंह चोहान, मधु बंसल, सोमिल नाहटा, राजेन्द्रसिंह तोमर, मंगेश संघई, तरुण बाहेती, ब्रजेश सक्सेना, साबिर मसूदी, किसान नेता मांगीलाल बिनोट, गिरिराजसिंह, बंशीलाल पाटीदार, भानुप्रतापसिंह, हरिगोविन्द दिवान, रमेश राजोरा, बालेश्वर पाटीदार, गोपाल रांका, राजेश भारती, चन्द्रप्रकाश पालीवाल, गफ्फारभाई, भूपेन्द्र महावर, मानसिंह चोहान, विनोद पटेल, गोविन्द शर्मा, भगतराम डाबी, सुरेश धनगर, रामेश्वर गुर्जर, मोहन गुर्जर, कैलाश राठौर, रघुवीरसिंह रिंछा, कंुजीलाल पाटीदार अजीत लाला, रामरतन जाट, मोहनसिंह जाट, आनन्द हुपेले, राहुल कीथिरिया, कचरुलाल कीथिरिया, मनोहर सोनी, रतनलाल तिरंगा, जगदीश धनगर, बद्रीलाल धनगर, हीरालाल रेबारी, सुन्दरलाल परिहार, अजीत कुमठ, विजेश मालेचा, अजहर हयात मेव, गोकुल गुर्जर, रामलक्ष्मण धाकड़, गोपाल जोकचन्द्र, जगदीश धाकड़, विनोद दक, दीपक नागदा, भंवरलाल सोनी, ओम शर्मा, मुकेश कालरा, दीपक गेहलोत, कमलसिंह सोनगरा, कंवरलाल गुर्जर, अरुण आर्य, आशीष सुथार, ओम नागदा, राहुल यादव, दीपक नागदा, वसीम खान, रघुनन्दन पाटीदार, रघु गुर्जर, रामचन्द्र डांगी, आजाद मन्सूरी, संतोष अहीर, संदीप शर्मा, रतनलाल जाट, गोर्धन प्रजापत, रामलक्ष्मण धाकड़, डाॅ चर्तुभुज रायकवार, जयेश सालवी, रामनिवास बमुनिया सहित बड़ी संख्या में किसान व कांग्रेसजन उपस्थित थे। 2 घंटे धरने के बाद करीब नारकोटिक्स अधिकारी के गेट पर किसानों ने दो घंटे तक नारेबाजी कर घेराव किया। बाद में किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द्र सहित पांच किसान नेता नारकोटिस उपायुक्त से मिलने कार्यालय में पहंुचे, यहां नारकोटिक्स उपायुक्त ने किसान नेताओं से कहा मैं आपकी बात को वरिष्ठ अधिकारियों तक पहंुचा सकता हंू, फैसला लेना मेरे हाथ में नही है। करीब एक घंटे तक किसान नेताओं ने नारकोटिस उपायुक्त से चर्चा की, यहां नारकोटिस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के दौरान नारकोटिक्स अधिकारी व किसान नेताओं के बीच बहस भी हुई। डीएन ने जब यह कहा कि सीपीएस पद्धति अफीम किसानों पर प्रयोग है, तो किसान नेता आक्रोशित हो गए, किसाना नेताओं नेताओं ने कहा कि अफीम किसान क्या प्रयोग के लिए बना है क्या ? बाद में नारकोटिस कार्यालय के बाहर 5.30 बजे सांसद सुधीर गुप्ता का पुतला फंूका। बाद में नारकोटिक्स अपर आयुक्त को केन्द्रीय वित्तमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन का वाचन कर बताया वर्ष अफीम उत्पादक किसानांे पर सीपीएस पद्धति से फसल पैदा करने का निर्णय सरकार द्वारा थोंपा गया। जो पूर्णत क्षेत्र के किसानों की समझ के बाहर है। वर्षों से चली आ रही पुरानी पद्धति को सरकार के बदलने के निर्णय से सभी किसान उत्पादक असहमत है, इस पद्धति को बंद की जाए इस पद्धति से खेती में कई विषमता है। इस पद्धति से खेती करने से पोस्तदाना की मात्रा प्रति आरी कम होगी जो की इस फसल से आय का मुख्य स्त्रोत है। फसल के उत्पादन में हजारों मजदूर चीरा लगाने का कार्य करते है, बेरोजगार हो जायेंगे। इस क्षेत्र में होने वाली अफीम फसल में मर्फिन उच्च क्वालिटी की एवं अधिक मात्रा में होती है। अतः अफीम का प्रति किलो भाव तुरंत बढ़ाया जाए। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ने पूरे देश को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूरे देश में सभी फसलों पर लागू करने की घोषणा की थी पर स्थानीय सांसद की निष्क्रिय कार्य प्रणाली के कारण अफीम फसल को बीमा योजना में शामिल नहीं किया गया अतः तुरंत बीमा योजना में लागू किया जाए। पिछले दिनो क्षेत्र में हुई बारिश एवं ओलावृष्टि से हुवे नुकसान का मुआवजा उत्पादक किसान को शीघ्र दिया जाए। फसल में उत्पादक किसानांे को कई बार तुरंत विभागीय राहत की आवश्यकता होती है। अतः नारकोटिक्स कमिश्नर को आने वाली छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान का अधिकार दिया जाए। ---------

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